New year poem by Ramu Kavi Kisan
दिल्ली जाने का मन से
दिसंबर का महीना और 2020 का साल
मेरे दोस्त नयू बोले चलो घूमने जो जगह है बढ़िया बेमिसाल
बोले तेरी नजर में कौन सा बढ़िया सा पर्यटन स्थल स
मैं बोला आ जाओ दिल्ली बॉर्डर जो किसान आंदोलन स्थल स
जम्मू चला अमृतसर गोवा या शिमला मनाली
मैं बोला आपा ने तो दिल्ली बॉर्डर प जाने की सलाह बना ली
एक बोला चला दर्शन करने सालासर या माता के धाम
मैं बोला जाऊंगा दिल्ली आंदोलन जो सबसे ज्यादा धार्मिक स्थल है
दिल्ली बॉर्डर किसान आंदोलन सबसे ताजा बढ़िया पर्यटन स्थल से
एक नयू बोला चलो घूमने आगरा या जयपुर ऐतिहासिक स्थल से
मैं बोला दिल्ली टिकरी सिंधु बॉर्डर के ऐतिहासिकता त कम है
इतनी बड़ी जनसंख्या और सब बैठे हैं बड़े शांत उड़े, बड़ा सहारा देखा स
सबने खाना-पीना और ओढ़ना बिछौना सब मिले फ्री में कदे कोए ईशा नजारा देखा स?
न्यू बोले चंडीगढ़ मैसूर चलैं जो सफाई में नंबर वन स
देख ले जाकै दिल्ली बॉर्डर प जनसैलाब, फेर भी कितना साफ सुथरापन स
फिर बोले चला मेडी सालासर या पीर दरगाह मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में
बोला चलना तो स बस दिल्ली बॉर्डर ओडै अन्न देवता आरे से
मैं लाग गया पूछन के धार्मिक स्थल किसने अन्न पैदा करके खुवारे सैं
न्यू बोला या बात तो मान गया हम सब किसानों का खारे सैं
वो बोले सरकार जो करें सही करें कोई बेकार ना
मैं बोला जो दिल्ली बॉर्डर सर्द रात में बैठे उनके के परिवार ना
न्यू बोल्या बंगलुरु चला या विदेश में जडै सस्ती चीजें आवै स
मैं बोला किसान आंदोलन ऐतिहासिक हर जरूरत की चीज फ्री में पावै स
बोले रब्ब के भरोसे छोड़ दो, चित मन त सूरती ला लयो भगवन में
मैं बोला जे तू सरकार का खावै या किसी भगवान का, तो फिर त्याग दे न किसानों के उपजाए अन्न न
लगया पूछने इस समस्या का के हल है
मैं बोला बस तीन काले कानूनों की वापसी और कोई घणी नहीं अनबन से
न्यू बोल्या मैं भी चलूंगा मेरा भी दिल्ली जाने का मन से
नव वर्ष कैसे करूं तेरा अभिनंदन
जबब दिल्ली धरने में बैठे किसान का नहीं है खुश मन
हे नव वर्ष कैसे करूं तेरा अभिनंदन
मांग रहे अपने अधिकार ऊपर से सर्दी की मार
तीनों कानून रद्द हो तभी खत्म होगी या अनबन
है नववर्ष कैसे करूं तेरा अभिनंदन
यह नेता जो खुद को बोलते मैं सेवक और चौकीदार
सर्द रात में देखो आकर एक बार ऐसा क्या बंधन
है ना वर्ष कैसे करूं तेरा अभिनंदन
आमजन को चाहिए अन्नदाता देवता के दर्शन करे एक बार
यही काशी काबा मथुरा हरिद्वार इन सब का करता हूं मैं वंदन
नव वर्ष कैसे करूं तेरा अभिनंदन
मैं तो दिल्ली आंदोलन में भ्रमण करने जाऊंगा
अपना पसंदीदा पर्यटन स्थल यहीं पर पाऊंगा
देखो आकर यह तीर्थ नर नारी दिखे जहां पर जन जन
हे नव वर्ष कैसे करूं तेरा अभिनंदन
रामू पूछ रहा किस दिन हो खुशहाल किसान
नहीं मरे सीमा पर कोई जवान
भाईचारे की खुशबू फैले हो खुशियों का चंदन
हे नव वर्ष कब होगा ऐसे तेरा अभिनंदन?
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