सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला हर साल हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सूरजकुंड में आयोजित किया जाता है। यह मेला विश्वभर के कारीगरों और कलाकारों का एक शानदार मंच है, जहाँ विभिन्न देशों के हस्तशिल्प, कला, संस्कृति, और पारंपरिक वस्त्रों का प्रदर्शन होता है। यहाँ आपको हस्तनिर्मित सामान जैसे कुटीर उद्योग, रंग-बिरंगे वस्त्र, मिट्टी के बर्तन, आभूषण, और बहुत कुछ देखने को मिलता है।
इस मेले में भारत के विभिन्न राज्य भी अपनी सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन करते हैं और विभिन्न पारंपरिक शिल्प और कला के रूपों को उजागर करते हैं। यह मेला कला प्रेमियों, शिल्पकारों और पर्यटकों के लिए एक बेहतरीन अनुभव होता है
*38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला 2025*
➡️ आयोजित - फरीदाबाद (हरियाणा)
➡️आयोजन तिथि - 7 फरवरी से 23 फरवरी
➡️थीम स्टेट - मध्य प्रदेश (ओडिशा - पहली बार दो थीम स्टेट की घोषणा)
➡️कंट्री पार्टनर - बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड
सूरजकुंड मेले की शुरुआत: एक जीवंत परंपरा का जन्म
सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला, भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा का एक जीवंत उत्सव है। यह मेला न केवल देश के विभिन्न राज्यों के हस्तशिल्पों का प्रदर्शन करता है बल्कि देश के कला और संस्कृति को भी एक मंच प्रदान करता है।
मेले की शुरुआत:
सूरजकुंड मेले की शुरुआत 1987 में हुई थी। हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित इस मेले का मुख्य उद्देश्य था:
* हस्तशिल्पियों को मंच प्रदान करना: देश के विभिन्न कोनों से आने वाले हस्तशिल्पियों को अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित करने और बेचने का एक मंच प्रदान करना।
* भारतीय हस्तशिल्पों को बढ़ावा देना: भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को संरक्षित करना और उसे बढ़ावा देना।
* पर्यटन को बढ़ावा देना: भारत के पर्यटन को बढ़ावा देना और देश की संस्कृति को दुनिया के सामने प्रदर्शित करना।
मेले की लोकप्रियता में वृद्धि:
शुरुआत में एक छोटे से मेले के रूप में शुरू हुआ यह मेला धीरे-धीरे देश के सबसे बड़े हस्तशिल्प मेलों में से एक बन गया। हर साल इस मेले में देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशी देशों के कलाकार भी भाग लेते हैं।
मेले की विशेषताएं:
* विविधता में एकता: मेले में देश के कोने-कोने से हस्तशिल्पी अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित करते हैं। आप यहां लकड़ी के खिलौने, धातु के बर्तन, कपड़े, ज्वैलरी, और बहुत कुछ देख सकते हैं।
* थीम स्टेट: हर साल इस मेले में किसी एक राज्य को थीम स्टेट के रूप में चुना जाता है। इस राज्य की कला, संस्कृति और हस्तशिल्पों को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाता है।
* लोक कला और संगीत: मेले में लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। आप यहां लोक नृत्य, संगीत और नाटक का आनंद ले सकते हैं।
* खान-पान: मेले में देश के विभिन्न राज्यों के स्वादिष्ट व्यंजन उपलब्ध होते हैं।
आज का सूरजकुंड मेला:
आज सूरजकुंड मेला एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का मेला बन चुका है। यह मेला न केवल भारत की संस्कृति का प्रदर्शन करता है बल्कि विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक मंच भी प्रदान करता है।
क्या आप सूरजकुंड मेले के बारे में और जानना चाहते हैं?
यहां कुछ अन्य विषय हैं जिनके बारे में आप पूछ सकते हैं:
* सूरजकुंड मेले में कौन-कौन से राज्य भाग लेते हैं?
* सूरजकुंड मेले में क्या-क्या खास होता है?
* सूरजकुंड मेले में कैसे जाया जा सकता है?
कृपया मुझे बताएं कि आप किस विषय के बारे में अधिक जानना चाहते हैं।
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