प्राकृतिक खेती जैविक खेती की शुरुआत Starting of natural farming organic farming
प्राकृतिक जैविक खेती खेत की तैयारी बिजाई बेड बनाकर कैसे लहसून बोई गोलू मोनू सोनित प्रिशा की वीडियो देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करेंप्राकृतिक खेती जैविक खेती की जरूरी बात है जहर मुक्त खेती होती है कम बजट यानि कम से कम लागत में काम चल जाता है
प्राकृतिक जैविक खेती (Natural Organic Farming) के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं, जो किसानों, उपभोक्ताओं और पर्यावरण सभी के लिए लाभकारी हैं।
किसानों की दृष्टि से लाभ:
* उत्पादन लागत में कमी: रासायनिक उर्वरकों और महँगे कीटनाशकों पर निर्भरता कम या समाप्त हो जाती है, क्योंकि प्राकृतिक इनपुट (जैसे गोबर, गोमूत्र, हरी खाद, जीवामृत) खेत पर ही तैयार किए जा सकते हैं, जिससे खेती की लागत बहुत कम हो जाती है।
* मिट्टी के स्वास्थ्य और उर्वरता में सुधार: जैविक खाद, फसल अवशेषों और प्राकृतिक तरीकों के उपयोग से मिट्टी की जैविक संरचना (Organic Matter) बढ़ती है, जिससे मिट्टी की उर्वरता लंबे समय तक बनी रहती है और उसमें जल धारण क्षमता (Water Retention Capacity) में सुधार होता है।
* किसानों की आय में वृद्धि: लागत कम होने और जैविक उत्पादों की बाज़ार में बढ़ती माँग के कारण किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलता है, जिससे शुद्ध आय (Net Income) बढ़ती है।
* सिंचाई अंतराल में वृद्धि: मिट्टी की बेहतर जल धारण क्षमता के कारण कम पानी की आवश्यकता होती है और सिंचाई के बीच का समय बढ़ जाता है, जिससे पानी की बचत होती है।
* टिकाऊ खेती: यह कृषि को एक स्थायी (Sustainable) स्तर पर बनाए रखने में मदद करती है, क्योंकि यह प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करती है।
उपभोक्ता और स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभ:
* रसायन-मुक्त, स्वस्थ भोजन: जैविक खेती में सिंथेटिक कीटनाशकों और उर्वरकों का उपयोग नहीं होता है, जिससे उपज में हानिकारक रसायनों के अवशेष नहीं होते हैं। यह मानव और पशु स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है।
* पोषक तत्वों से भरपूर उपज: स्वस्थ मिट्टी में उगाई गई फसलें अक्सर एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिजों में अधिक समृद्ध होती हैं।
* रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि: जैविक उत्पादों का सेवन करने से मनुष्य और पशुओं में बीमारियों के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ती है।
पर्यावरण की दृष्टि से लाभ:
* प्रदूषण में कमी: रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग से होने वाले जल, वायु और भूमि प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है।
* जैव विविधता (Biodiversity) का संरक्षण: यह खेती की मित्र कीटों, पक्षियों और अन्य जीवों के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करती है, जिससे खेत और पारिस्थितिकी तंत्र की जैव विविधता बढ़ती है।
* जलवायु परिवर्तन शमन (Climate Change Mitigation): जैविक पद्धतियों से मिट्टी में कार्बनिक कार्बन (Organic Carbon) का स्तर बढ़ता है, जो कार्बन डाइऑक्साइड को मिट्टी में बाँधने (Carbon Sequestration) में मदद करता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है।
संक्षेप में, प्राकृतिक जैविक खेती एक ऐसी पद्धति है जो कम लागत पर पर्यावरण-अनुकूल तरीके से स्वस्थ और गुणवत्तापूर्ण भोजन का उत्पादन करती है।
लहसुन की खेती के बारे में पूरी जानकारी के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें
https://sachakisan.blogspot.com/2025/10/harvesting-of-garlic.html

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