"पशुधन आधारित, रसायन मुक्त कृषि"
ई प्राकृतिक खेती का वादा।
कम खर्चा, ज़्यादा फ़ायदा,
रासायनिक खाद से दूरी,
शुद्ध खाद्य ही ज़रूरी।
केमिकल से किनारा,
प्राकृतिक खेती से गुजारा
ई नेचुरल फॉर्मिंग, धरती का श्रृंगार,
सबके उत्तम स्वास्थ्य का आधार।
पशुधन आधार, खेत खलिहान में खुशहाली,
नचार खेड़ा में खेती करे, सब रोग-मुक्त हरियाली।
हमारे 2025 के लक्ष्य ई नेचुरल फॉर्मिंग नचार खेड़ा
1. घर की रसोई के लिए सभी प्रकार की सब्ज़ियाँ और कंद-मूल अपनी खेती से उत्पादन करना।
2. आगे उपयोग के लिए देसी बीज का उत्पादन खेत में ही करना, ताकि बीज पर होने वाला खर्च शून्य हो।
3. प्राकृतिक/जैविक खाद और कीटनाशक घर पर ही तैयार करना।
4. कृषि विभाग और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर प्राकृतिक खेती से संबंधित पंजीकरण और आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी करना।
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हमारे 2026 के लक्ष्य ई नेचुरल फॉर्मिंग नचार खेड़ा
1. घर के लिए सभी प्रकार की ताजी ऑर्गेनिक साग सब्जियां खेत में तैयार करना।
2. रसोई में उपयोग होने वाली सभी आवश्यक वस्तुएँ मिर्च मसाले खेत में ही उगाकर रसोई खर्च शून्य करना।
3. सभी प्रकार के देसी बीज, उत्तम किस्म के अपने खेत के लिए तैयार करना।
4. ऑर्गेनिक खाद और कीटनाशक का 100% उत्पादन एवं उनका सही भंडारण खेत में ही करना।
5. खेत में औषधीय पौधों की खेती कर उनका घरेलू उपयोग करना।
6. मौसमानुसार फलदार पौधे लगाकर पूरे वर्ष ताज़ा फल उपलब्ध कराना।
7. प्राकृतिक तरीके से तैयार अन्न, सब्ज़ी और फल की रिटेल में बिक्री करना तथा सही बाज़ार/प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से उचित मूल्य प्राप्त करना।
26 October 2025 को लहसुन बिजाई से शुरुआत तैयारी पूरी की
01 नवंबर 2025 को आधिकारिक रूप में काम शुरू रिकॉर्ड रखना चालू
08 नवंबर 2025 मटर फसल बिजाई की लहसुन Garlic जमाव शुरू हो गया
10 नवंबर 2025 कई फसल सब्जियों औषधि फसलों कंदमूल की बुआई की लहसुन, चुकंदर, शलगम मूली, जीरा, सौंप, धनिया, मेथी, गाजर, मटर बिजाई कर पानी लगाया मल्चिंग की
प्राकृतिक तरीके से लहसुन की बिजाई कैसे करें नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके देखें पूरी वीडियो
14 नवंबर 2025 को ई नेचुरल फॉर्मिंग नचार खेड़ा जींद हरियाणा ई इंडिया खेत में पालक चने मटर चौलाई सरसों गेंदा marua सूरजमुखी फूल पौधे लगाना
15 नवंबर 2025 जीवामृत लस्सी से फफूंदी नाशक कीट नियंत्रक गो कृपा अमृत तैयार किया
1 a पालक 1b चने 1c मटर 1d चौलाई 1e गेंदा 1f ग्वारपठा (Aloe Vera) 1g मरुआ 1h तुलसी
2,3,4 लहसुन, 2s चुकंदर, 3s शलगम 4s मूली,
5 a जीरा 5b पछेती मूली
6 b सौंप
7 b धनिया, मेथी
8 गाजर
9 मटर
10 पछेती गाजर
11 सरसों
नवंबर महीने में बिजाई की जाने वाली फसले सब्जियां
नवंबर महीने में किन सब्जी और फसलों की बिजाई की जा सकती है
दिसंबर का महीना हरियाणा में रबी की फसलों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह महीना कड़ाके की ठंड और पाले के खतरे के बावजूद, कई सब्जियों, फूलों, औषधि और मसालों की बिजाई (या रोपाई) के लिए उपयुक्त होता है।
आपके लिए हरियाणा में दिसंबर में उगाई जा सकने वाली फसलों की एक विस्तृत सूची निम्नलिखित है:
🌾 हरियाणा में दिसंबर की फसलें (सब्जियां, फूल, औषधि, मसाले)
1. मुख्य फसलें (Rabi Crops)
दिसंबर में अधिकांश मुख्य रबी फसलें खेत में स्थापित हो चुकी होती हैं, लेकिन विलंबित (Late) बिजाई इन फसलों की की जा सकती है:
* गेहूं (Wheat): देर से बुवाई वाली किस्मों की बिजाई दिसंबर के मध्य तक की जा सकती है।
* जौ (Barley): यह गेहूं की तुलना में कम उर्वरक मांगता है और ठंड को बेहतर सहन करता है।
* सरसों/तोरी (Mustard/Rapeseed): दिसंबर की शुरुआत में विलंबित किस्में बोई जा सकती हैं।
* चना (Gram): दिसंबर की शुरुआत तक इसकी बुवाई की जा सकती है।
2. सब्जियां (Vegetables)
दिसंबर में मुख्यतः कंदमूल और पत्तेदार सब्जियों की सीधी बिजाई की जाती है, जबकि फल वाली सब्जियों की पौध रोपाई के लिए तैयार रहती है:
पत्तेदार
पालक (Spinach), मेथी (Fenugreek), धनिया (Coriander)
सीधी बिजाई कंदमूल
गाजर (Carrot), मूली (Radish), शलगम (Turnip), चुकंदर (Beetroot)
सीधी बिजाई
मटर (Pea), आलू (Potato), लहसुन (Garlic) बुवाई/बिजाई का अंतिम चरण
रोपाई
प्याज (Onion) की पौध, देर से पकने वाली फूलगोभी और पत्तागोभी की रोपाई, नर्सरी से खेत में रोपाई
3. फूल (Flowers)
सर्दियों के कई वार्षिक फूल (Winter Annuals) दिसंबर में रोपाई के लिए तैयार होते हैं, जो फरवरी से अप्रैल तक खिलते हैं:
* पेटुनिया (Petunia): रंगों की एक विस्तृत श्रृंखला में उपलब्ध।
* कैलेंडुला (Calendula): नारंगी और पीले रंग के फूल।
* साल्विया (Salvia): लाल रंग के गुच्छेदार फूल, ठंड सहने में मजबूत।
* डहेलिया (Dahlia): कंद रोपे जा सकते हैं या छोटे पौधों की रोपाई की जा सकती है।
* गेंदा (Marigold): अफ्रीकन और फ्रेंच गेंदे की रोपाई।
* पैन्सी (Pansy): रंगीन और आकर्षक छोटे फूल।
4. औषधि और मसाले (Medicinal Plants & Spices)
दिसंबर का ठंडा मौसम कई मसालों और औषधीय पौधों की शुरुआत के लिए अनुकूल है:
* सौंफ (Fennel): दिसंबर में बिजाई की जा सकती है।
* अजवायन (Carom/Ajwain): बुवाई का सही समय।
* जीरा (Cumin): हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में दिसंबर की शुरुआत तक बिजाई की जा सकती है, लेकिन पाले से बचाव आवश्यक है।
* एलोवेरा (Aloe Vera): इसके छोटे पौधों (Suckers) की रोपाई की जा सकती है।
* अश्वगंधा (Ashwagandha): कुछ क्षेत्रों में इसकी बिजाई दिसंबर में भी हो सकती है, हालांकि मुख्य समय सितंबर-अक्टूबर होता है।
⚠️ पाले से बचाव (Frost Protection):
याद रखें, दिसंबर का महीना पाला (Frost) लेकर आता है। सुनिश्चित करें कि आप अपनी संवेदनशील फसलों, विशेष रूप से सब्जियों और फूलों को पाले से बचाने के लिए हल्की सिंचाई, मल्चिंग और धुएं के जैविक उपायों का उपयोग करें।
आगे हमारा लक्ष्य है एक एकड़ में
10 पेड़ मोरिंगा/सहजन के लगाना
5 पेड़ नीम के लगाना
अरंडी, तुलसी, हल्दी औषधीय पौधा लगाना
26 अक्टूबर को हमने खेत की तैयारी कर ली थी
अच्छी तरह से ट्रैक्टर की हैरो से जुताई करवाई फिर उसके बाद दो बार रोटावेटर फिर हमने ट्रैक्टर से ही मेड बनवाई और
फिर कसी और हाथ से हमने बेड बनाए
लहसुन की बिजाई के लिए एक यंत्र बनाया जिससे बराबर पौधे से पौधे की दूरी बनी रहे
28 अक्टूबर को पानी दिया गया जोकि 7 नवंबर तक भी नहीं जुटाई लायक हुआ सर्दी शुरू जो हो गई हैं
1 नवंबर 2025 को हम आधिकारिक रूप से ई नेचुरल फार्मिंग नचार खेड़ा का स्थापना दिवस मना रहे हैं
1 नवंबर को शाकाहारी दिवस मनाया जाता है
1 नवंबर का दिन भारत और विश्व स्तर पर कई महत्वपूर्ण दिवसों और राज्यों के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Days):
* विश्व शाकाहारी दिवस (World Vegan Day): यह दिवस शाकाहार के लाभों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व स्तर पर मनाया जाता है।
* ऑल सेंट्स डे (All Saints' Day): ईसाई धर्म में इस दिन सभी संतों और शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
* प्रधान मध्यान दिवस (Prime Meridian Day): यह 1884 में वाशिंगटन डी.सी. में अंतर्राष्ट्रीय मध्यान सम्मेलन के आयोजन की याद में मनाया जाता है।
भारतीय राज्यों का स्थापना दिवस (Indian State Formation Days):
1 नवंबर भारत के इतिहास में एक बहुत खास तारीख है, क्योंकि इस दिन कई राज्यों का गठन/पुनर्गठन हुआ था। इन्हें राज्योत्सव के रूप में मनाया जाता है:
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्थापना/गठन का वर्ष
|---|---|
कर्नाटक राज्योत्सव (Karnataka Rajyotsava) 1956
केरल पिरवी (Kerala Piravi) 1956
मध्य प्रदेश स्थापना दिवस | 1956 |
हरियाणा दिवस | 1966 |
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस | 2000 |
आंध्र प्रदेश स्थापना दिवस | 1956 (पुनर्गठन) |
पंजाब दिवस | 1966 (पुनर्गठन) |
पुडुचेरी विलय दिवस | 1954 |
लक्षद्वीप स्थापना दिवस | 1956 |
संक्षेप में, 1 नवंबर को मुख्य रूप से भारत में कई राज्यों का स्थापना दिवस और विश्व स्तर पर विश्व शाकाहारी दिवस मनाया जाता है।
प्राकृतिक खेती करने के फायदे Benefits of Natural Farming कारण और प्रक्रिया कैसे शुरू करें कब करें क्यों करें
ई नेचुरल फॉर्मिंग रामनिवास नाचार खेड़ा जींद हरियाणा भारत
ई वर्क इंटरप्राइजेज जैविक कृषि समूह
E Work Enterprises Organic Farming Group Nachar Khera









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