31 जुलाई 2019

30 July 2019 डेली करंट अफेयर ऐतिहासिक जानकारी Daily Current Affairs History

30 July 2019 डेली करंट अफेयर ऐतिहासिक जानकारी
Daily Current Affairs History


भारतीय नागरिकता 
विश्व में नागरिकता शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया?
अरस्तु ने जिसे जीव विज्ञान का जनक या जीव विज्ञान का पिता भी कहा जाता है 

सिकंदर के गुरु कौन थे?
 अरस्तु
 अरस्तु के गुरु प्लूटो और प्लूटो के गुरु सुकरात थे


 भारतीय संविधान में भारतीय नागरिकता का वर्णन संविधान के किस भाग में मिलता है?
 भाग 2 में 
भारतीय नागरिकता  वर्णन संविधान के किस अनुच्छेद में मिलता है?
 अनुच्छेद 5 से 11 तक भारतीय नागरिकता का वर्णन है

 अनुछेद 5 में नागरिकता कैसे प्राप्त की जा इसका वर्णन है और इसे परिभाषित करने के लिए 1955 में भारतीय नागरिकता अधिनियम लाया गया था 
अनुच्छेद 6 में पाकिस्तान से भारत में आए नागरिकों को भारतीय नागरिकता के बारे में वर्णन है।
अनुच्छेद 7 में जो व्यक्ति भारत से पाकिस्तान चले गए उनकी नागरिकता के बारे में वर्णन है 
अनुच्छेद 8 में विदेश में भारतीय मूल के नागरिक NRI  प्रवासी भारतीयों की नागरिकता के बारे में वर्णन है।
 अनुच्छेद 9 में भारतीय नागरिकता की समाप्ति का वर्णन हैै। 
अनुच्छेद 10 में भारतीय नागरिकता कब तक बनी रह सकती है इसके बारे में वर्णन किया गया है
 अनुच्छेद 11 में नागरिकता संबंधी विधियों का वर्णन किया गया है।

 भारतीय संविधान में नागरिकता शब्द कहां से लिया गया है 
इंग्लैंड के संविधान से 

भारत में सिर्फ एकल नागरिकता का वर्णन है और भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 में नागरिकता लेने या मिलने के पांच प्रकार हैं 
1. जन्म से - जो बच्चे 26 जनवरी 1950 के बाद भारत में पैदा हुआ उसे भारतीय नागरिक माना जाएगा। इसके अपवाद है विदेशी राजपूतों के बच्चे विदेशी ही रहेंगे, शत्रु देश की महिला से पैदा हुआ बच्चा विदेशी ही रहेगा, 1986 का नागरिक संशोधन माता पिता में से एक भारतीय हो तभी बच्चे को भारतीय नागरिक माना जाएगा 
2. वंश परंपरा के आधार पर - भारत से बाहर अन्य देशो में जन्मे बच्चे जिनके माता-पिता भारतीय हैं उन्हें भी भारतीय नागरिक माना जाएगा। 1986 के संशोधन में सिर्फ पिता जोड़ा गया था।
3.  पंजीकरण के आधार पर - भारतीय मूल के प्रवासी भारतीयों को कम से कम 6 महीने भारत में रहना पड़ता है और यदि उस पर कोई केस ना हो तो पंजीकरण के आधार पर उसे भारतीय नागरिकता मिल सकती है। वर्ष 1986 में नागरिकता संशोधन में 6 महीने के समय सीमा को 5 साल तक कर दिया गया है।
4. देसीयकरण के आधार पर - जो व्यक्ति कम से कम 5 साल तक भारत में रहे और उस पर कोई केस ना हो तथा शत्रु देश से उसका कोई संबंध ना हो तो देसीकरण के आधार पर उसे भारतीय नागरिकता मिल सकती है। जैसे कि इस इस्कॉन मंदिरों में रहने वाले विदेशी लोग ।
 1986 के नागरिकता संसोधन में 5 साल की सीमा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया है। 2003 के नागरिकता संशोधन के अनुसार भारत में जन्मे भारतीय मूल के नागरिक  आएंगे और स्वदेश रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को दोहरी नागरिकता मिल सकती है।
5. भूमि विस्तार के आधार पर - जब भारत के द्वारा अपने क्षेत्र को बढ़ाया जाता है तो उस क्षेत्र के निवासियों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी ।


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